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Sunday, July 26, 2015

Meerabai or Mirabai (alternate orthographies: Meera, Mira, Meera Bai) (Hindi:मीराबाई Bengali: মীরাবাঈ;)

Sunday, July 26, 2015 0
Meerabai or Mirabai (alternate orthographies: Meera, Mira, Meera Bai) (Hindi:मीराबाई Bengali: মীরাবাঈ;)

Meera Bai  - Meera Krishna se prem nahi karti thi. ये तो सत्य है, Meera Bai कृष्णा से प्रेम नहीं करती थी। आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यू ...

Meerabai or Mirabai (alternate orthographies: Meera, Mira, Meera Bai) (Hindi:मीराबाई Bengali: মীরাবাঈ;) was an aristocratic Hindu mystical singer and devotee of Lord Krishna from Rajasthan and one of the most significant figures of the Sant tradition of the Vaishnava bhakti movement. Some 1,200–1,300 prayerful songs or bhajans attributed to her are popular throughout India and have been published in several translations worldwide. In the bhakti tradition, they are in passionate praise of Lord Krishna.

 Meera Krishna se prem nahi karti thi. ये तो सत्य है, Meera Bai कृष्णा से प्रेम नहीं करती थी। आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यू ...

  Mirabai Poems

  • I Am Mad With Love -   I am mad with love And no one ...

  • A Cowherding Girl  - The plums tasted sweet to the unlettered ...

  • Do Not Leave Me -  Do not leave me alone, a helpless woman. My...

  • Keep Up Your Promise  - Take my arm and keep up your promise! ...

  • I Have Found My Guru  - I have found a guru in Raidas, he has ...

  • Strange Is The Path When You O...  - Do not mention the ...

  • Sleep  - Sleep has not visited me the whole night, Will the ..

    Mira Bai, (born c. 1498, Kudaki, India—died 1547?, Dwarka, Gujarat), Hindu mystic and poet whose lyrical songs of devotion to the god Krishna are widely popular in northern India. ... Mira Bai was a Rajput princess, the only child of Ratan Singh, younger brother of the ruler of Merta.

    Krishna ki prem diwani meera

    Meera Bai को जब अपने पति के साथ सती होने के लिए बोला तो मीरा ने यह कहते हुए मन कर दिया की मेरे पति केवल श्री कृष्णा ही हैं। पुराने

    समय में ये एक कुप्रथा थी।

    जहाँ पति के मरने के बाद पत्नी को भी उसकी जलती हुई चिता में बिठा कर जान देनी होती थी। पति के परलोकवास के बाद मीरा की भक्ति दिन

    पर प्रति दिन अपनी प्रगाड़ता को छूने लगी।

     How did Meera dance for Krishna?

    मीरा मंदिरों में जाकर वहाँ मौजूद कृष्ण भक्तों के सामने कृष्णजी की मूर्ति के आगे बेसुध हो नाचती रहती थी। कृष्ण की पागल मीरा इतनी

    पागल हो गई की उसे कृष्णा के आलावा कुछ सुहाता ही नहीं था।

    उसका यह नाचना गाना उसके ससुराल वालों को पसंद ही नहीं आता था। Meera Bai की अध्यात्मिक दिनचर्या अब और बढ़ने लगी जो अब मीरा

    के ससुराल को अखरने लगी ससुराल वालों ने तर्क भी किया था।

    मीरा अब मेवाड़ की महारानी है और उन्हें राजसी ठाठ वाठ के साथ संज संवर कर ही रहना चाहिए तथा राजवंश कुल की मर्यादा का ध्यान भी रखना चाहिए

     Did Krishna love Meera?

    एक बार की बात है जब जहर का प्याला मीरा बाई को मारने के लिए भेजा गया। मीरा ने अपने भगवान् श्री कृष्ण को जहर के प्याले का प्रसाद

    भोग लगाया. जैसे वह हर एक चीज का भोग लगाती थी.

    तत्पश्चात मीरा ने भगवान् का प्रसाद स्वरुप ग्रहण कर लिया। परन्तु वह जहर का प्याला अमृत में बदल गया। जब राणा विक्रम ने काँटों की

    सेज का बिस्तर मीरा को भेजा परन्तु काटों का बिस्तर भी फूलों के बिस्तर में बदल गया।

    भगवान् श्री कृष्णा स्वयं उनकी रक्षा करते थे मीरा बाई को कई बार भगवान् ने स्वयं प्रकट हो कर दर्शन भी दिए थे। उनके घर वालों के इस प्रकार

    के व्यवहार से परेशान होकर वह द्वारका और वृंदावन चली गईं।

    मीरा बाई जहाँ जाती थीं वहाँ श्री क्रृष्ण का रंग हर किसी में इतना चढ़ जाता की सब बेसुध हो मीरा के साथ नाचते गाते रहते।

    What happened to Meera Bai?

    Meera Bai बचपन से ही कृष्ण भक्ति में इतनी तल्लीन हो गई की उन्हें अपना पति ही समझने लगी। एक बार की बात है, जब महल के पास से

    एक बारात गुजर रही थी तो मीरा ने उत्सुकतावस अपनी माँ से पूछा।

    माँ मेरे पति कौन हैं?  माँ ने मजाकिया, लहजे में मीरा से बोला दिया की अरे तेरे पति तो खुद श्री कृष्णा ही हैं। जिनके साथ आप हमेशा रहती हो

    और माँ ने व्यंग करते हुए श्री कृष्ण जी की मूर्ति दिखाई और बोली ये तेरे पति हैं।

    भले ही मजाक में माँ ने तो बोला, परन्तु मीरा बाई ने उस बात को इतनी गहराई से लिया की उन्हें अपना पति समझ कर ही प्रेम करने लगी। और

    श्री कृष्णा की भक्ति में इतनी तल्लीन हो गई की आज उन्हें राधा जी के साथ श्री कृष्णा दीवानी के रूप में हर कोई जानता है।

    Meera Bai की माँ कृष्ण भक्ति में उनका समर्थन करती थी। परन्तु मीरा के भाग्य में माँ का साथ ज्यादा समय के लिए नहीं था। मीरा छोटी थी तो  इनकी माँ का देहांत हो गया।